Duration: (54:51) ?Subscribe5835 2025-02-05T16:08:23+00:00
ईपी 130 | यात्रा 'क्यों' से शुरू होती है | नाटक समयसार - कर्ता कर्म क्रियाद्वार
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130 समयसार, गाथा 32 33 मोह नाश की चर्चा👍👍
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325. समयसार, गाथा-130-131 टीका (उदाहरण से ज्ञानी के सब भाव👌
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130.डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल | ग्रन्थ आधार - समयसार गाथा 74 टीका | प्र .नं. 130 | कर्ताकर्म अधिकार
(50:53)
130 SamaySar समयसार गाथा287,288 श्री रतनलालजी बेनाडा
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130-समयसार गाथा 56-57 : 12.09.2009 : डॉ.हुकमचंद भारिल्ल
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238 समयसार, गाथा 73 अनुभूति मात्र से शुद्ध हूँ 👍👌
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श्रीमतदासबोध|दासबोधग्रंथ#दशक११समास८|चालू समास|वर्तमानसमास|चालूसमाज चालूनिरुपणसमास#सोमवार३फेब्रुवारी
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133. समयसार गाथा 34-35 उत्थानिका (अप्रतिबुद्ध,प्रतिबुद्ध हो गया 👍👍)
(1:37:47)
122. समयसार, गाथा-31 टीका (इन्द्रियों को कैसे जीतें👍स्तुति)
(51:59)
329. समयसार, गाथा-137-140 (कर्म-आत्मा-राग-पुद्गल - कौन किसका
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samaysar class 96 gatha 130 131 श्रद्धा और चरित्र का भेद पहचानो
(51:1econd)
227-समयसार कलश-68 : 11.10.2010 : डॉ.हुकमचंद भारिल्ल
(56:16)
No 879 31/01/25 Samaysaarji | Gatha 274 |
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अनुभव 🙏अनुभव समान न धर्म कोई ओर 🙏👍👍
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018 श्री समयसार परमागम : कलश 130-131 : संवर अधिकार : Babu Yugal Ji, Kota : जैन तत्त्व
(21:10)
224-समयसार गाथा 130-131 : 07.10.2010 : डॉ.हुकमचंद भारिल्ल
(1:3:)
EP No-130 समयसार जी पंडित रतनलाल जी बैनाड़ा
(23:17)
Jain Pathshala | Samaysar || EP-261 || Ach.108 Pragya sagar Ji M.h। | समयसार ग्रन्थ
(27:43)
258 श्री समयसार जी : गाथा 130-131 : कर्त्ता-कर्म अधिकार : Pt. Rajendra Kumar Ji, Jabalpur
(55:)
130.पंडित शांति कुमार जी पाटिल | विषय- समयसार गाथा 143 | कक्षा- 130 | 15.12.2017
(35:43)
समयसार गाथा 130-131 // 19.01.2022 // डॉ.शांतिकुमार जी पाटिल
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226-समयसार गाथा 130-131 : 09.10.2010 : डॉ.हुकमचंद भारिल्ल
(53:10)
130 श्री समयसार जी : गाथा 50-55 : Pt. Rajendra Kumar Jain, Jabalpur : Samaysaar Parmagam va Swarup
(47:45)
016 श्री समयसार परमागम : गाथा 190-192 कलश 129-130 : संवर अधिकार : Babu Yugal Ji, Kota : जैन तत्त्व
(24:35)
130 समयसार (वाचना)
(50:45)
130. समयसार, गाथा-32-33 (मोह नाश की चर्चा👍👍)
(54:51)
019 श्री समयसार परमागम : कलश 130-131 : संवर अधिकार : Babu Yugal Ji, Kota : जैन दर्शन की महानता
(23:45)
225-समयसार गाथा 130-131 : 08.10.2010 : डॉ.हुकमचंद भारिल्ल
ब्र. अचल जी | विषय -mp3 | विषय -समयसार |130.ज्ञानानंद महोत्सव | 06.06.17
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