Duration: (38:36) ?Subscribe5835 2025-02-09T07:34:26+00:00
331. समयसार, गाथा-141 (बद्ध या अबद्ध🤔 स्पर्शित❓ आत्मा)
(52:45)
331-समयसार कलश-150 // 24.07.2012 // डॉ.हुकमचंद भारिल्ल
(38:36)
04 श्री समयसार जी : सर्वविशुद्धज्ञान अधिकार : गाथा 330-331 : बड़नगर (म.प्र.) : Br. Sumatprakash Ji
(1:8:25)
01 श्री समयसार जी : सर्वविशुद्धज्ञान अधिकार : गाथा 331 : दशलक्षण पर्व, विदिशा : Br. Sumatprakash Ji
(52:20)
254 - समयसार गाथा - 328-331 डॉ हुकमचंद भारिल्ल
(28:49)
331. समयसार कलश-117 (ज्ञानी और अज्ञानी की क्रियाएँ एक समान कैसे..?)
(44:31)
04 श्री समयसार जी : सर्वविशुद्धज्ञान अधिकार : गाथा 328-331 : रतलाम (म.प्र.) : Br. Sumatprakash Ji
(50:10)
151 समयस1र गाथा330,331 श्री रतनलालजी बेनाडा
(24:18)
331 मोक्षमार्ग प्रकाशक शुद्धोपयोग कौनसे गुणस्थान में❓👍
(50:15)
222 समयसार, गाथा 69, 70 बंध व उदय में इतरेतराश्रय दोष नहीं
(48:31)
श्री समयसार कलश (01 से 32) जीव अधिकार : आचार्य अमृतचंद्र : संगीतमयी प्रस्तुति : पं. सुनील जी राजकोट
(23:59)
203. समयसार, गाथा-61 से 64 (आत्मा की पहिचान - यथार्थ लक्षण👍👍)
(51:5)
337. समयसार, कलश-70-89 का सार (आत्मानुभूति से पूर्व..विकल्प
(50:4)
124 समयसार, गाथा 31 टीका इन्द्रियाँ तीन प्रकार👍कैसे जीतें
(53:10)
334. समयसार, कलश-69-89 (विविध पक्षों के विकल्प से परे मैं👌
(57:25)
189. समयसार, कलश-35 (ज्ञान शक्ति...चैतन्य की सुंदरता👍👍)
(55:12)
198. समयसार, गाथा-56-57 (रुई से बना कपड़ा लाल - संयोग से👍👌)
(52:41)
331. Pravchansar Gatha 231 (मुनिमार्ग में ना हठ है ना शिथिलता !) 13/12/24
(1:6:21)
7/2/25, samaysar gatha 324-327
(52:7)
31.7.23- गाथा -211, - निर्जरा अधिकार-pg 331 - समयसार जी- विकास जैन
(1:5:2)
331. समयसार कलश -134 (भोगने का भाव और भोगने की क्रिया का अविनाभावीपना कैसे है?) 15-11-11
(56:40)
30.7.23 - गाथा -211, - निर्जरा अधिकार-pg 331 - समयसार जी- विकास जैन
(1:2:43)
20.12.24 गाथा- 328- 331, सर्वविशुद्धज्ञान अधिकार -पेज 475 समयसार ग्रंथ - (विकास जैन)
(1:22:10)
24.12.24 गाथा- 328- 331, सर्वविशुद्धज्ञान अधिकार -पेज 475 समयसार ग्रंथ - (विकास जैन)
(1:25:53)
2.8.23 -गाथा -211, - निर्जरा अधिकार-pg 331 - समयसार जी- विकास जैन
(1:18:33)
331- समयसार नाटक-13(60 व्रत प्रतिमा)
(48:15)
समयसार - सर्वविशुद्ध ज्ञान अधिकार - गाथा 328- 331
(43:36)
(46:16)
329. समयसार, गाथा-137-140 (कर्म-आत्मा-राग-पुद्गल - कौन किसका
(58:36)
#समयसार गा.सू328-331-1आ.ख्या वस्तुव्यवस्था\u0026नय अज्ञान से जीवकी दुर्दशा कैसी?प.पू.१०८वीरसागरजी म#guru
(31:34)